Tuesday, February 2, 2010

एसा फर्जी प्राचार्य जो सब कुछ चुराने में लगा है ?




एसा फर्जी प्राचार्य जो सब कुछ चुराने में लगा है?

Monday, December 7, 2009

विवि ने पिछले दिनों स्नातक और परास्नातक कक्षाओं की फीस में बढ़ोत्तरी कर दी थी।

विवि ने पिछले दिनों स्नातक और परास्नातक कक्षाओं की फीस में बढ़ोत्तरी कर दी थी। इससे व्यक्तिगत विद्यार्थियों की फीस लगभग दो गुनी हो चुकी है। संस्थागत विद्यार्थियों की फीस भी बढ़ाई गई थी। छात्र कालेज गेट पर एकत्र हुए। उन्होंने विवि प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की और पाठ्यक्रम की पुस्तकें आग के हवाले कर दी। मृदुल चौधरी ने कहा कि विवि ने फीस बढ़ोत्तरी कर छात्रों के हितों की अनदेखी की है। शिक्षा पर सभी का समान अधिकार है। सरकार शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिये तरह-तरह की योजनाएं चला रही है, लेकिन विवि प्रशासन सरकार के प्रयासों को पलीता लगा रहा है। उन्होंने कहा, स्नातक, परास्नातक स्तर पर इतनी फीस बढ़ोत्तरी से सामान्य और गरीब वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने में मुश्किल होगी।

Saturday, November 21, 2009

मुग़ल और अंग्रेज शासकों के जमाने में भी इस कदर नहीं डरते थे लोग

मुग़ल और

अंग्रेज शासकों के जमाने में भी इस कद

र नहीं डरते थे लोग ,

हजारों रुपये लगा कर और महीनों इलाज कराकर अस्पतालों से महाविद्यालय लौटे लोग जिस कदर घबराई सी मुस्कान उकेरे इधर उधर कही पेट क़ा दरद तो कही पूरी सेहत से टूटे हुए लोग सदमे को अभी भूले नहीं है, पर उन्हें लगता है की

तुगलकी शहंशाह की नज़र यदि यह देख लेगी की उसके खान पान से हुए बीमारों की आवाज़ या मुह खुला तो कहीं वह अपने अहंकार से उसे सिल न दे - यथा ऐसी चुप्पी की 'कोई देख न ले ' और जा के कह के 'इनाम' न ले ले की फला ने यह कहा है |


जिस मुल्क क़ा शिक्षक इतना घबराया और डरा होगा 'उसकी पीढ़ी कितनी डरावनी होगी ' जिस भय के माहौल में महाविद्यालय क़ा शिक्षक जिन्दा है वह किसी भी खूंखार वादी की कहानी कहता है | चमचों की फौज खड़ी करके महाविद्यालय की नीव से भी अपने हिस्से की कीमत वसूलने की जुगत में लगा बीमार तुगलकी शहंशाह जबकि दिखाई भी नहीं देता ?

पर सारे बीमार शिक्षक अपने दावती खान पान के बदले खर्चे किराये , पेट्रोल , नवेद के वसूली के बदले जी भर कर पनीर , गुलाब जामुन और दही बरे तो उडाये ही होंगे, उन्हें क्या पता था इतना आसान नहीं है कंजूस - घुसखोर तुगलकी शहंशाह

की दावत से अपनी कीमत वसूलना , बावर्ची और खानसामे की बदनीयती नहीं रही होगी पर करे भी तो क्या , निचोड़ा होगा तुगलकी शहंशाह ने कीमत में खाद्य सामानों की |


Monday, October 26, 2009

लूट और खसोट का अड्डा , प्राचार्य के नाम पर कलंक


लूट और खसोट का अड्डा , प्राचार्य के नाम पर कलंक गुंडों का जमावडा तथा निक्कमों का गिरोह जिसे चुन चुन कर प्रिंसिपल ने इकठ्ठा करके नाकारों को अपने आस पास इकट्ठा किया हुआ है जिनके बल पर जितना लूट सकता है लूट रहा है . न समाज की चिंता और न ही शिक्षा की बस लूट लूट और लूट नियम और कानून को ठेंगा, कालेज को ठेंगा |

Wednesday, October 7, 2009

अदभुद वृतांत और भयावह यात्रा -बच कर आने के लिए बधाई - पढ़कर डर लग रहा था |

अदभुद वृतांत और भयावह यात्रा -बच कर आने के लिए बधाई - पढ़कर डर लग रहा था |